C Programming Language in Hindi: इस लेख में हम C प्रोग्रामिंग लेंगवेज़ की बात करने वाले है। जिसमें C Language का परिचय (Introduction) और C Language के इतिहास (History), वर्शन (Version), सिंटेक्स (Syntax), फंकशन (Function) और अन्य सी (प्रोग्रामिंग भाषा) की प्रारम्भिक जानकारी देंगे।
तो चलिये बिना किसी देर के शुरू करते है।
C Language क्या है? – What is C Language in Hindi
C Language एक Procedural Programming Language है, जिसका उपयोग low-Level Programming में अधिक किया जाता है, जैसे OS, ड्राईवर, कर्नल, और हार्डवेयर यंत्र।
C इंटरनेट प्रोग्रामिंग के लिए उपयुक्त नहीं है और इसमें Object Oriented Programming की तरफ Object व Class के साथ काम नहीं कर सकते है।
C भाषा का अविष्कार डेनिस रिछि (Dennis Ritchie) ने किया था। पंरन्तु, अविष्कार की कहानी भी लंबी है। जिसे हम आगे जानेगें। C आज के समय ने सबसे प्रसिद्ध प्रोग्रामिंग भाषा है ,इसलिए इसके बारे में जानना जरूरी है।
C प्रोग्रामिंग का इतिहास – History of C Language in Hindi
शुरुवात होती है, ALGOL प्रोग्रामिंग भाषा के अविष्कार से, जो 1960 के दशक में बनी थी और यूरोप में ज्यादा इस्तमाल की गई। ALGOL प्रोग्रामिंग भाषा पहली प्रोग्रामिंग भाषा थी, जिसने ब्लॉक स्ट्रक्चर का इस्तमाल किया था।
1967 में मार्टिन रिचार्ड (Martin Richards) ने BCPL प्रोग्रामिंग भाषा का अविष्कार किया, BCPL की फुलफोर्म Basic Combined Programming language है। उसके तीन साल बाद 1970 में Ken Thompson ने BCPL के फीचर्स का इस्तमाल कर B प्रोग्रामिंग भाषा (B programming language) बनाई।
B प्रोग्रामिंग भाषा का इस्तमाल मुख्यतौर पर शुरुवाती यूनिक्स ओपरेटिंग (Unix Operating) सिस्टम बनाने के लिए किया गया। BCPL और B दोनो टाइपलेस (Typeless Programming) प्रोग्रामिंग भाषा है। टाइपलेस प्रोग्रामिंग भाषा में Datatype बताने की जरूरत नही होती है।
1972 में ALGOL, BCPL और B प्रोग्रामिंग भाषा को विकसित कर डेनिस रिछि ने C प्रोग्रामिंग भाषा का अविष्कार किया। बाद में Unix Operating सिस्टम को डेवेलोप करने के लिए भी C प्रोग्रामिंग भाषा इस्तमाल की गयी।
शुरुवाती दिनों में C भाषा का इस्तमाल सिर्फ यूनिक्स OS को डिज़ाइन करने और शिक्षा के क्षेत्र में किया गया। पंरन्तु, Unix की प्रसिद्धता और कम्पाइलर (Compiler) के आने से C की प्रसिद्धता और बड़ी व इसे कमर्शियल रूप से इस्तमाल किया गया।
C प्रोग्रामिंग भाषा के भी अलग-अलग वर्शन है। जिसमे पहली बार C के अविष्कार (1972) को “Tradional C” कहते है। वही 1978 में C पर Brian Kernigham और Dennis Ritchie ने एक किताब लिखी “The C Programming Language” उसे “K&R C” प्रोग्रामिंग भाषा कहा गया।
उसके बाद ANSI (American National Standards Institute) और ISO (International Standards Organization) ने 1990 तक C को सर्टिफाइड किया। फिर 1999 और 2011 में C के नए वर्शन आये, जो C99 और C11 है। C11, C प्रोग्रामिंग भाषा का लेटेस्ट वर्शन है।
C प्रोग्रामिंग सीखना क्यों जरूरी है? – Importance of C Language in Hindi
- C प्रोग्रामिंग भाषा सबसे बेसिक प्रोग्रामिंग भाषा है, जो अन्य प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के लिए बेहतरीन आधार बनती है। C++ और Java दोनो प्रोग्रामिंग भाषा C पर ही निर्भर है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के बाद अन्य प्रोग्रामिंग भाषा सीखना काफी आसान हो जाता है। क्योंकि C भाषा के साथ प्रैक्टिस करने पर सारे लॉजिक (Logic) समझ में आ जाते है और आगे सिर्फ दूसरी प्रोग्रामिंग भाषा के सिंटेक्स (Syntax) सीखने होते है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा मे लिखे प्रोग्राम काफी कुशल और तेज होते है। C प्रोग्रामिंग भाषा मे बहुत से डेटा-टाइप और ऑपरेटर होते है, जो इसे और भी सक्षम बनाते है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा को सेकंड में Compile कर Run कर सकते है और इसमे पहले से जरूरी फंक्शन (Functions) और 32 कीवर्ड (Keyword) दिए गए है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा में स्वयं के फंक्शन भी बना सकते है, जिन्हें जरूरत आने पर एक प्रोग्राम में कही बार इस्तमाल कर सकते है।
C प्रोग्रामिंग के फीचर्स – C Language Features in Hindi
- सबसे पहले बात करे, कीवर्ड (keyword) की, तो C में 32 कीवर्ड है। जिनका इस्तमाल डेटा डिक्लेअर करने में, लूप चलाने, लूप से निकलने और भी अन्य प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।
- C प्रोग्रामिंग को छोटे अल्फाबेट (Lower Case) में लिखते है और C प्रोग्रामिंग भाषा केस-सेंसटिव (Case Sensative) है। C भाषा को अंग्रेजी में ही कोड किया जाता है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा का इस्तमाल हम सिस्टम और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दोनों के निर्माण में कर सकते है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा का निर्माण असेंबली भाषा (Assembly Language) से किया गया है। C प्रोग्रामिंग भाषा Structured प्रोग्रामिंग भाषा है, जो ऊपर से नीचे की तरफ एक्सीक्यूट (Execute) करती है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा में उच्च और निम्न (High level और Lower Level) प्रोग्रामिंग भाषा के गुण है। पंरन्तु, C प्रोग्रामिंग भाषा हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषा है।
- C के लिए लिखे गए, प्रोग्राम को .c एक्सटेंशन (Extension) में सेव करते है। जिसे Compile करने के बाद 3 से 4 अलग-अलग फ़ाइल बनती है।
Basic Term of C Language in Hindi
Syntax: सिंटेक्स से तातपर्य है, कि किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा को किस तरह से लिखते है। C Structured प्रोग्रामिंग भाषा है, जो ऊपर से निचे की ओर जाती है। अगर ऊपर कोई खामी है, तो नीचे का प्रोग्राम भी नही चलेगा। C में हर स्टेटमेंट (Statement) के बाद सेमि-कोलन “;” लिखते है।
Functions: Functions एक तरह से C प्रोग्राम बनाने के बिल्डिंग ब्लोक है। हर एक Function अपना सुनिश्चित टास्क करते है। हम एक फंक्शन के अंदर दूसरे फंक्शन को लिख सकते है और इसे Functions Nesting भी कहते है।
Datatype: Datatype कोई Variable किस प्रकार का होगा है, यह सुनिश्चित करता है। int (Integer यानी नंबर), char (Character यानी कोई अक्षर), float (Float यानी दशमलव नंबर) प्रकार के अलग-अलग डेटा टाइप है, जिसे वेरिएबल डिक्लेअर करते समय दर्शाते हैं।
Variable: वेरिएबल का इस्तमाल कोई डेटा स्टोर करने के लिए करते है। जैसे की int a; यहाँ a एक तरह से वेरिएबल है, जिसमे कोई भी नंबर (0,1,2,3,4…n) वैल्यू स्टोर करेंगे। “int” का इस्तमाल डेटा-टाइप (datatype) डिक्लेअर करने के लिए कर रहे है।
Constant: कांस्टेंट (Constant) एक तरह के वेरिएबल ही है, जो पूरे प्रोग्राम में एक समान रहते है। यानी, कि शुरू से लेकर अंत तक किसी वेरिएबल की वैल्यू समान रहती है।
Compiler: कम्पाइलर का काम C प्रोग्राम कोड को कंप्यूटर भाषा मे बदलने के लिए करते है। हम प्रोग्राम को मनुष्य द्वारा समझी भाषा मे लिखते है, जिसे कम्पाइलर मशीन द्वारा समझने वाली भाषा मे बदलता है।
Execution: Execution यानी की प्रोग्राम का Compile होकर Run होना। प्रोग्राम का सफल Execution तभी होता है, जब प्रोग्राम कोड एकदम सही हो,अन्यथा कम्पाइलर Error (त्रुटि) देता है।
Error: Error (त्रुटि) के बारे में अपने पहले सुना ही होगा। C प्रोग्राम में जब कोड में कोई गलती होती है, तो कम्पाइलर हमे Error बताता है। Error होने पर प्रोग्राम का Execute और Run नही होता है।
String: कैरक्टर (Character) के समूह को ही स्ट्रिंग कहते है। जैसे की “Hello“, इसमे कुल 5 करैक्टर है और पूरे को मिलाकर 1 स्ट्रिंग (Hello) कहते है।
Loop: Loop का इस्तमाल किसी स्टेटमेंट (Statement) और एक्सप्रेशन (Expression) को कई बार रन करने के लिए किया जाता है। जिसमे कुछ कंडीशन भी डाली जाती है, जिससे सुनिश्चित होता है, कि loop कितनी बार चलेगा।
Array: Array का इस्तमाल बहुत सारे एक समान डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। जैसे की क्लास में विद्यार्थियो के नाम। Array को वेरिएबल की तरह ही डिक्लेअर करते है, पंरन्तु वेरिएबल के नाम के बाद ब्रैकेट में Array की साइज (कितनी वैल्यू स्टोर करनी है) लिखते है।उदाहरण: int mark[50];
Syntax of C Language in Hindi
C प्रोग्रामिंग भाषा की संरचना अलग-अलग ब्लॉक से मिलकर बनी है। जहाँ ऊपर डॉक्यूमेंट, लिंक, डेफिनेशन, ग्लोबल डिक्लेरेशन और मैन (Main body) सेक्शन क्रमश होते है।
Main के बाद यूजर द्वारा बनाये गए, फंक्शन को लिखते है। जिनको Main के अंदर ही बुलाया (Call) किया जाता है।
C प्रोग्राम उदाहरण
“#include<conio.h>
main()
{
int a,b,c;
printf(“enter two no.”);
scanf(“%d %d”,&a,&b);
c=a+b;
printf(“sum of two no. is: %d”,c);
getch();
}”
- साधारण C प्रोग्राम की बात करे, तो इसमे सबसे पहले हैडर-फ़ाइल (Header File) का नाम लिखते है। जिसमे “.h” का एक्सटेंसन (Extension) और “#include” को आगे लगाकर लिखते है। मुख्यतौर पर conio.h और stdio.h अक्सर इस्तमाल किये जाने वाली हैडर-फ़ाइल है। उदहारण: #include<conio.h>
- main() के बाद प्रोग्राम की मुख्य बॉडी शुरू होती है। main() के बाद मंझला ब्रैकेट “{}” के अंदर पूरे प्रोग्राम को लिखा जाता है। वही main () के अंदर ही हम यूजर द्वारा बनाये गए फंक्शन को कॉल करते है।
- main में हम सबसे पहले वेरिएबल के Datatype को डिक्लेअर करते है। Datatype को डिक्लेअर करने के लिए हम कीवर्ड का इस्तमाल करते है। जिसमे int, float, double, char मुख्य Datatype है।
- printf और scanf, C में पहले से ड्राइव-फंक्शन है, जो conio.h हैडर-फ़ाइल में स्टोर होते है। printf का इस्तमाल किसी मैसेज को प्रिंट करने के लिए करते है और scanf से कोई यूजर द्वारा डाले गए, डेटा को पढ़ने के लिए करते है।
- C में हम किसी भी कैलकुलेशन को साधारण तरीके से ही लिखते है, पंरन्तु अंत मे सेमिकोलन “;” लगाते है (जैसे: c=a+b; )। सेमि-कोलन का इस्तमाल हम printf, scanf के पीछे भी लगाते है, जिन्हें स्टेटमेंट कहते है।
- अंत मे हम getch(); जो स्क्रीन को रोकने (hold) के लिए इस्तमाल करते है। वही clrscr(); का इस्तमाल कुछ Compiler (जैसे Turbo c++) के साथ प्रोग्राम स्क्रीन को साफ (clear) करने के लिए करते है। Turbo c++ में clrscr() लिखना जरूरी है।
Where & How to learn C Language in Hindi
C प्रोग्रामिंग BCA, BSc IT, B. tech (CS) में मुख्य विषय है। इसलिए इनके विधायर्थी अपने कॉलेज से सिख सकते है।
C सीखने के लिए बुक्स का इस्तमाल भी कर सकते है। बुक्स में “The C Programming Language” (डेनिस रिछि और ब्रायन केरनिघन), “Programming in ANSI C” (बाला गुरुसामे) और “Head First C” (डेविड ग्रिफिट्स) बेहतरीन विकल्प है।
आज के समय मे लोग इंटरनेट से ज्यादा प्रोग्रामिंग सीखने को पसंद करते है। जिसमे YouTube पहली पसंद है। यूट्यूब पर C सीखने के लिए बहुत से चैनल है, वही YouTube से C सीखना बिल्कुल मुफ्त है। YouTube पर Naresh I Technologies नामक यूट्यूब चैनल पर काफी सरलता से C भाषा सिखाई जाती है। इसके अलावा भी बहुत से हिंदी, इंग्लिश चैनल यूट्यूब पर मौजूद है।
साइट की बात की जाए,तो W3schools.in एक फ्री में C और अन्य प्रोग्रामिंग भाषा सीखने का सोर्स है। वही Udemy.com प्रीमियम C कोर्स उपलब्ध करवाती है।
C प्रोग्रामिंग भाषा कितने दिनों में सिख सकते है?
C प्रोग्रामिंग भाषा को सीखना यक्ति पर निर्भर करता है, कि वह कितना जल्दी प्रोग्रामिंग को समझ सकता है। कोई नया प्रोग्रामर अपना पूरा समय लगाए, तो कम से कम 1 महीना सीखने में लग सकता है, सिर्फ सभी सिद्धांत को समझने के लिए। वही अगर कोई हर दिन अपना 1 से 2 घण्टे दे, तो वह 6 महीने तक का समय लग सकता है। बाकी सब प्रैक्टिस पर निर्भर करता है।
C प्रोग्रामिंग सीखने के लिये कोनसा सॉफ्टवेयर उपयोग करे?
C प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के लिए बहुत से फ्री और प्रीमियम सॉफ्टवेयर इंटरनेट पर मौजूद है। पंरतु, शुरुवात में विण्डो के लिए Turbo C++ और Dev C++ बेहतरीन विकल्प है।
XCode सॉफ्टवेयर Mac OS के लिए अधिकतर इस्तमाल किया जाता है।
बिना किसी अलग सॉफ्टवेयर के भी C प्रोग्राम हम कर सकते है। उसके लिए नोटपैड में कोड लिखे और कमांड प्रोम्प्ट (Command Prompt) में Compile कर सकते है।
निष्कर्ष
C Programming Language पर लिखी, यह पोस्ट आपके लिए मददगार रही होगी और C Language के बारे में शुरुवाती जानकारी मिल गयी होगी। अगर आपका कोई भी अन्य सवाल या सुझाव है, तो हमे कमेंट में जरूर बताएं।
nice post hai bhaut acha samhjhaya hai apne c language ke baare me