भारत में ऐसी बहुत-सी कंपनिया है, जो डायरेक्ट सेलिंग और MLM सिद्धांत का इस्तेमाल करती है।यह आंकड़ा 2000 से भी ज्यादा का है.

लेकिन हर कंपनी डायरेक्ट सेलिंग और MLM भारत में नही कर सकती है।
कंपनियो को सरकार को रिपोर्ट पहले करना होता है। उसके बाद ही कंपनी को MLM और डायरेक्ट सेलिंग में काम करने की अनुमति है।
अगस्त, 2019 में भारत सरकार ने लीगल डायरेक्ट सेलिंग कंपनी की लिस्ट जारी की है। जिसमे कुल 387 कंपनी शामिल है।
यानी की क़ानूनी तौर पर सिर्फ 387 MLM / डायरेक्ट सेलिंग कंपनी ही भारत में है। आप निचे दी लिंक पर क्लिक करके देख सकते है.
लेकिन फ्रॉड और गेर-क़ानूनी कंपनियो की कोई कमी नही है। बल्कि कई गेर-कानूनी MLM कंपनिया काफी बड़े स्तर पर काम करती है। इसलिए जुड़ने से पहले इस लिस्ट में कंपनी का नाम जरूर देख।
अधिकतर ऑनलाइन MLM कंपनिया, जो कम निवेश लेती है और एड्स व सिर्फ नेटवर्क बनाने पर प्रॉफिट देती है, अधिकतर वे ही फ्रॉड होती है।
वही अगर आप किसी भी MLM कंपनी से जुड़े है या जुड़ने वाले है, तो कंपनी के बारे में जानकारी जुटाए और देखे कही कंपनी पिरामिड या पोंज़ी स्कीम तो नहीं.
फ्रॉड MLM कंपनी को पहचानने का सबसे आसान तरीका कंपनी के प्रोडक्ट का विवरण करना है. अगर कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस कीमत अनुसार किफायती है. तो आप एक अच्छी कंपनी से जुड़े है. अन्यथा हो सकता है, कि आप एक पिरामिड स्कीम में फंसे है.
आप डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन पढ़कर भी इस इंडस्ट्री के बारे में बहुत कुछ सिख सकते है.
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