MLM लाइसेंस कैसे पाए? कौनसे Certificate चाहिए?

अक्सर लोग यह पूछते है,कि डायरेक्ट सेलिंग/MLM कंपनी को कौनसे Certificate चाहिए? और MLM Licence कैसे पाए?

इसी सवाल का जवाब आपको इस लेख में संक्षेप्त में मिल जायेगा.


MLM कंपनी का एक स्पेशल सर्टिफिकेट व लाइसेंस होता है. यह सिर्फ एक अफवाह है।

MLM कंपनी को भारत में किसी भी स्पेशल सर्टिफिकेट की जरूरत नही होती है। लेकिन कंपनी को रजिस्टर होते समय बिज़नेस-प्लान बताना होता है.

आमतौर पर, हर कंपनी के पास जो सर्टिफिकेट होते है, जैसे ISO, FSSAI उन्ही सर्टिफिकेट की जरूरत डायरेक्ट सेलिंग/ MLM कंपनी को होती है।



लेकिन डायरेक्ट सेलिंग कंपनी को रजिस्ट्रेशन के समय खुदके बिज़नेस प्लान को MCA (Ministry of Corporate Affairs) को बताना होता है।

जब कंपनी पंजीकरण के समय MOA (Memorandum of Association) जमा करती है, उसमे लिखना पड़ता है, कि कंपनी का प्लान डायरेक्ट सेल्स, सिंगल-लेवल या मल्टी-लेवल मार्केटिंग पर है।

इसके साथ-साथ कंपनी को अपने प्रोडक्ट की जानकारी देनी होती है व डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन का पालन करना होता है।

उसके बाद ही कंपनी का नाम लीगल डायरेक्ट सेलिंग कंपनी लिस्ट में आता है।

अगर कोई पुरानी कंपनी डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में आना चाहती है, तो उसे भी पहले MCA को सूचित करना होगा।



IDSA, FDSA और अन्य MLM यूनियन का सर्टीफिकेट किसी भी डायरेक्ट सेलिंग/ MLM कंपनी के लिए जरूरी नही है। क्योंकि ये निजी समूह है और इन्हे कुछ MLM कंपनीयो ने मिलकर ही बनाया होता है।

अक्सर IDSA, FDSA के नाम का इस्तेमाल सिर्फ मार्केटिंग के लिए होता है। IDSA, FDSA मेंबर कंपनियो को सालाना फ़ीस भी भरनी पड़ती है, जो 3 से 5 लाख रुपए तक होती है।

इसलिए जरुरी नहीं है, कि किसी MLM कंपनी के पास IDSA/FDSA का सर्टिफिकेट नहीं है, तो कंपनी फ्रॉड है.

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