7 नेटवर्क मार्केटिंग के नुकसान | MLM क्यों नहीं करना

पिछले लेख में हमने MLM क्या है और डायरेक्ट सेलिंग के बारे में जाना था। इस लेख में हम नेटवर्क मार्केटिंग के नुकसान विस्तार से जानेंगे।

अगर आप किसी भी MLM लीडर या कार्यकर्ता के पास जाएंगे, तो आपको हमेशा MLM के बारे में अच्छा सुनने को मिलेंगा। इस इंडस्ट्री में मौजूद सभी लोग आपको हमेशा MLM के फायदे गिनाएंगे और सपने पूरे करने का इसे रास्ता बताएंगे।


दूसरी और वे लोग, जो इस इंडस्ट्री को करके छोड़ चुके है या जिन्हें MLM के बारे में थोड़ी जानकारी है, वे MLM से जुड़ने को मना कहेंगे और इसे सीधा फ़्रॉड बता देते है।

MLM भारत में लीगल है, लेकिन लोग MLM को फ़्रॉड समझते है। ऐसे में अक्सर लोग भ्रमित हो जाते है और MLM करें या नहीं, इस सवाल में फँस जाते है।

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चूँकि इसमें आपको अपना बहुमूल्य समय, मेहनत व पैसे भी लगाने पड़ते है। इसलिए MLM में जुड़ने से पहले इस व्यापार को अच्छे से समझना जरूरी है।



नेटवर्क मार्केटिंग के नुकसान

हर चीज़ के दो पहलू होते है, MLM के फायदे व नुकसान दोनों है। जो दोस्त या रिश्तेदार आपको MLM से जुड़ने के लिए प्रेरित करते है, वे हमेशा सिर्फ फायदे बताते है।

ऐसे में MLM की कमियों और जुड़ने के बाद क्या गलत हो सकता है, इसके बारे में पहले से सचेत रहना बेहद जरुरी है। ताकि लोग पहले ही सही निर्णय लें और बाद में पछताना ना पढ़े।

यहाँ हम आपको MLM के 7 बड़े नुकसान बतायेंगे, जिससे आपको इस इंडिस्ट्री के बारे में और अच्छे से जानने को मिलेगा और वो जानकारी मिलेंगी, जो लोग आपको कभी नहीं बताते है।

1. स्किल की आवयश्कता

इसमें कोई दो राय नहीं है, कि MLM से जुड़ने के लिए शिक्षा, उम्र, लिंग व जाती महत्व नहीं रखती है और कोई भी इससे जुड़ सकता है।

लेकिन इसमें कुछ ऐसी स्किल्स की जरूरत है, जिन्हें सीखने में सालों लग सकते है, जैसे कम्युनिकेशन, मार्केटिंग व प्रेजेंटेशन स्किल्स



73% लोगों को Glossophobia (पब्लिक स्पीकिंग का डर) है, जो मौत, मकड़ी व उच्चाई के डर से भी ज्यादा लोगों को है। यानी इन 73% लोगों के लिए MLM करना, ऐसे ही एक बहुत बड़ी चुनौती है।

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इसके बाद अपना नेटवर्क बनाना और उसे हमेशा विकसित रखना, बहुत कम लोग यह कर पाते है।

ऐसे में MLM से आसानी से अमीर बनने का सपना रखना सिर्फ एक मिथक है। जबकि इसमें एक सही कंपनी के साथ बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और MLM करने के लिए स्किल्स बनानी पड़ती है।

2. आत्म-सम्मान और रिश्ते खोना

बेशक MLM में शुरुवाती कुछ सालों में बिल्कुल कमाई नहीं होती है।

इससे कई लोग अपना आत्म-सम्मान खो देते है, क्योंकि उनके लीडर ने मोटिवेशन देते समय उन्हें बोला था, कि इसमें आप 2 लोग जोड़ो और वो 2-2 लोग जोड़ेंगे और आपका नेटवर्क बन जाएगा, जबकि ऐसा वास्तविकता में नहीं होता है।



इससे वे खुदकों कमजोर महसूस करते है, जबकि MLM इतना आसान कभी नहीं है, जितना उन्हें बताया गया था।

जब भी कोई पहली बार किसी MLM कंपनी से जुड़ता है, तो वे हमेशा अपने दोस्त या रिश्तेदार को ही इस बिज़नेस में लाने की कोशिश करता है। ऐसे में अपनों से ‘ना’ सुनने के बाद, वे अपने रिश्ते खराब करते है और ऐसा MLM में अधिकतर लोगों के साथ होता ही है।

आमतौर पर किसी भी क्षेत्र के बिजनेस-मेन अपने रिशतेदारों और दोस्तों के साथ बिजनेस करने से पहले दस बार सोचते है।

3. बहुत कम सफलता दर

MLM को हमेशा लोग जल्दी अमीर बनने का तरीका बताते है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अधिकतर बड़े लीडरों का मानना है, कि MLM में सफल होने के लिये कम से कम 3 से 4 साल का संगर्ष करना पड़ता है।

इन शुरू के 3 सालों में आपकी कमाई होगी ही नहीं या ना बराबर होगी। लेकिन एक बार अच्छा नेटवर्क बन जाने पर कमाई Exponential यानी J-Curve की तरह बढ़ती है।



इसलिए MLM को Quick-Rich Scheme ना समझे, बल्कि इसमें सफल होने से लिए सालों की मेहनत करने के लिए तैयार रहें। और अधिकतर नेटवर्क मार्केटर को यह बात पता ही नहीं होती।

MLM की सफलता दर मात्र 0.4% है, यानी 1000 में से सिर्फ 4 लोग ही इसमें सफल होते है। जो IIT में एडमिशन पाने से भी मुश्किल काम है।

MLM की यह सफलता दर अमेरिकी बिज़नेस-मेन जॉन एम टेलर ने अपनी 15 साल की रिसर्च करके निकाली है। उन्होंने 350 MLM कंपनी, जिसमें Amway और Herbalife भी शामिल थी, उन पर रिसर्च की और देखा, कि MLM में सफलता की संभावना, जुआ जितने से भी कम है।

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यह सफलता दर निकालने के बाद जॉन ने इन कंपनी के मालिकों को चुनौती दी, पर कोई भी उन्हें गलत शाबित नहीं कर पाया और अमेरिकी सरकार की एजेंसी FTC ने भी इस रिसर्च को सही माना है।

4. पिरामिड स्कीम घोटाले

MCA के अंतर्गत रजिस्टर और लीगल डायरेक्ट सेलिंग कंपनी लिस्ट में होने के बावजूद भी बहुत सी बड़ी MLM कंपनिया फ़्रॉड करती है और पिरामिड स्कीम चलाती है।



यानी सिर्फ कंपनी के सर्टिफिकेट कंपनी के शत-प्रतिशत अच्छे होने का प्रमाण नहीं देते है। इसके अतिरिक्त ऐसी हज़ारों कंपनिया MLM प्लान चलाती है, जो MCA के अंदर रजिस्टर भी नहीं है और सरकार का उनपर कोई काबू नहीं है।

फ़्रॉड और पिरामिड स्कीम वाली कंपनियों के चलने के पीछे दो बड़े कारण है।

  • पहला, लोगों में MLM की प्रति अज्ञानता है, जिससे वे एक अच्छी और सही MLM कंपनी चुन नहीं पाते है।
  • दूसरा कारण यह है, कि कई बड़े लीडर और अनुभवी लोगों को सही-गलत का पता होता है, लेकिन ज्यादा पैसे और लालच के पीछे फ्रॉड कंपनियों से जुड़कर MLM इंडस्ट्री को गलत दिशा में ले जा रहे है।

लोग पैसों के पीछे गलत कंपनियों को बढ़ावा देते है, जिससे बहुत सारे लोगों का पैसा डूब जाता है। 90% से ज्यादा MLM कंपनिया शुरू के 5 सालों में ही बंद हो जाती है। इससे होता यह है, कि लाखों लोगों की मेहनत ऐसे ही बर्बाद हो जाती है।

5. MLM का सीमित होना

MLM में जो 0.4% लोग सफल होते है, बेशक उनकी कमाई बहुत अच्छी होती है। लेकिन MLM हर नज़रिये से सीमित है।

यहाँ आपके ऊपर आपकी अपलाइन और कंपनी है। MLM की जगह अगर आपका खुदका बिज़नेस है, तो वहाँ विकास और कमाई पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर करती है और कोई सीमा नहीं है।



अगर कंपनी कुछ कारणों से बंद भी हो जाए या आपकी नेटवर्क में पोजीशन हटा दी जाए, तो आपकी पूरी मेहनत बर्बाद हो जाएंगी। अगर आप अच्छी कंपनी से जुड़े है, तो ऐसा होने के कम अवसर है। लेकिन खुदके बिजनेस में और MLM में बहुत अंतर है। इसलिए कई बार MLM में सफल लीडर भी अपना रुख बदल लेते है और अपनी दिशा में आगे बढ़ते है।

MLM market saturation
Market Saturation

इसके बाद हर कंपनी और नेटवर्क का Saturation होता है, यानी एक समय बाद लोगों की जुड़ने की गति कम होती जाती है। ऐसा आमतौर पर उन कंपनी में होता है, जो कई सालों से चल रही होती है।

6. इंडस्ट्री के प्रति नकारात्मकता

MLM इंडस्ट्री में मौजूद और इस इंडस्ट्री के बाहर मौजूद लोग, दोनों में इस इंडस्ट्री के खिलाफ जमकर नकारात्मकता है।

जो लोग इस इंडस्ट्री में मौजूद है, अक्सर वे खुदकी MLM कंपनी को महान बताते है और दूसरी कंपनियों को नीचा दिखाते है। यहाँ तक की बड़े लीडर भी ऐसा करते है और दूसरी कंपनियों को बुरा-भला कहते है।

अब जो लोग इंडस्ट्री के बाहर है, उनमें शुरू से ही इंडस्ट्री को फ़्रॉड माना है। इसके पीछे का बड़ा कारण यह भी है, कि इसे जल्दी अमीर बनने का तरीका बताया गया है। जबकि वास्तविक में बहुत मेहनत की जरूरत होती है। जिससे परिणावस्वरूप लोग असफल होकर MLM इंडस्ट्री को ही गाली देते है।



इसके अलावा फ्रॉड कंपनिया और मतलबी लीडर भी MLM इंडस्ट्री में नकारात्मक्ता का बड़ा कारण है।

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7. महंगे प्रॉडक्ट और सर्विस

MLM में सबसे बड़ी कमी और नुकसान, जो मुझे निजी रूप से लगता है, वो है महंगे प्रॉडक्ट।

बाकी जितने भी MLM के नुकसान है, उनपर कुछ हद तक काबू और नज़रअंदाज़ किया जा सकता है। लेकिन MLM में महंगे प्रॉडक्ट का कोई इलाज नहीं है।

MLM में हम डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेलर, रिटेलर और एडवरटाइजर का ख़र्चा कम करने की बात करते है। लेकिन असल में प्रॉडक्ट की कीमत उपभोक्ता के लिए बढ़ती ही है।



प्रॉडक्ट की कीमत में इजाफा कंपनी और उसके प्लान पर निर्भर करता है। लेकिन अधिकतर MLM कंपनी के प्रॉडक्ट आमतौर पर महंगे होते ही है। अगर सस्ते है, तो क्वालिटी में कमी हो सकती है।

ऐसा इसलिए क्योंकि MLM कंपनी के नेटवर्क में बहुत सारे लोग होते है और सबको कुछ ना कुछ प्रतिशत मुनाफा देना ही पड़ता है। इसलिए हर प्रॉडक्ट बिक्री पर ज्यादा कमीशन की जरूरत पड़ती है और अधिकतर कंपनियाँ महँगे प्रॉडक्ट बेचती है।

ज्यादातर MLM कंपनी के पास हेल्थ व वेलनेस के प्रॉडक्ट इसलिये होते है, क्योंकि इन प्रॉडक्ट से ज्यादा कमीशन निकलता है। ज्यादा कमीशन के लिए पहले ऑनलाइन कोर्स, सूट-लेंथ, होलिडे पैकेज होते थे, लेकिन इनपर डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन के कारण पाबंधी है।

MLM से कमाई हो या नहीं, लेकिन आपको महंगे प्रॉडक्ट पहले खरीदने होंगे और क्या पता, 3 साल लगातार मेहनत के बाद भी आप उन 0.4% सफल लोगों में आएंगे या नहीं।

निष्कर्ष

हमें उम्मीद है, कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख का यह मकसद नहीं था, कि आपको MLM के खिलाफ ले जाये। बल्कि MLM के नुकसान और उन कमियों को दर्शाना था, जो शायद आपको कोई नहीं बताएगा।



अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो हमें कमेंट में जरुर बताए।

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