जॉब Vs नेटवर्क मार्केटिंग | बेहतर क्या है?

Job Vs Network Marketing in Hindi: यह एक रोमांचक पोस्ट है, जिसमें हम जॉब यानी नौकरी और MLM (Direct Selling) के बीच सीधी तुलना करने जा रहे हैं।

यदि आप MLM कोंपनियों के सेमिनार में अक्सर जाते हैं, तो आप पाएंगे, कि लीडर हमेशा MLM की तुलना अन्य बिजनेस और जॉब से करते हैं, यह साबित करने के लिए की MLM श्रेष्ठ है। लेकिन यह वास्तविकता नहीं है।


टाई पहनना, किसी लग्जरी कार के साथ फोटो क्लिक करना, इंस्टाग्राम पर खुदकों अमीर और व्यस्त जीवनशैली वाला दिखाना किसी को सफल नहीं बनाता है। बल्कि दिन-रात लगातार मेहनत की जरूरत होती है।

बिजनेस, MLM या फिर जॉब भी व्यक्ति को सफल बना सकती है। लेकिन इससे पहले, हमें अपने लिए सही दिशा बनाने की आवश्यकता है।

job vs mlm

इस पोस्ट को लिखने का उद्देश्य Job Vs MLM in Hindi पर मेरी व्यक्तिगत राय साझा करना है, जो नए लोगों को अपने निर्णय लेने में मदद करेगा।



आगे बढ़ने से पहले, मैं यह बताना चाहता हूँ, कि, मैं न तो एक MLM प्रचारक हूं और न ही एक MLM विरोधी। यह एक निष्पक्ष तुलना होगी, जहां मैं कुछ वास्तविक तथ्यों को दिखाने की कोशिश करूंगा और जो आपको अपने निर्णय लेने में मदद करेंगे।

पढ़िये:

Job Vs Network Marketing in Hindi

जॉब (नौकरी) Vs MLM में तुलना के लिए, मैंने निम्न मापदंडों (Parameter) का चयन किया है, जो जमीनी हकीकत को समझने में काम आएंगे।

  • योग्यता
  • स्किल और कार्य रुचि
  • कार्य संतुलन
  • सफलता दर
  • कमाई
  • रिस्क

ध्यान रखें, यहाँ जॉब से मेरा विशेष तात्पर्य कॉर्पोरेट जॉब (Corporate Jobs) से है। तो चलिए शुरू करते हैं, बिना किसी देर के।

शैक्षणिक योग्यता

पहली चीज जो MLM और नौकरी के बीच एक बड़ा अंतर लाती है, वह है शैक्षणिक योग्यता।



MLM में किसी भी शैक्षणिक डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन जॉब में शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य है, और योग्यता एक लेबल की तरह है।

टॉप IIT से पास होने पर नौकरी के पहले महीने से 1 से 2 लाख आसानी से मिल सकते हैं और यदि कोई व्यक्ति किसी भी समान्य इंजीनियरिंग कॉलेज से पास होता है, तो 12,000 मासिक वेतन वाली जॉब पाना भी कठिन हो जाता है।

2019 में, 16.3% ग्रेजुएट भारत में बेरोजगार हैं, और इसी वर्ष में, एक IIM इंदौर के छात्र को 50 लाख का उच्चतम पैकेज मिला।

इससे यह साबित होता है, कॉर्पोरेट दुनिया में डिग्री और कॉलेज/यूनिवर्सिटी करियर की शुरुआत में बहुत ज्यादा महत्व रखती है। इसलिए एक अच्छी नौकरी के लिए व्यक्ति को अच्छी शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने में सालों मेहनत में गुजारने पड़ते हैं।

इस पैरामीटर पर, MLM बेहतर है, जिसमें किसी भी योग्यता की आवश्यकता नहीं है और कोई भी इसे जीवन के किसी भी चरण में शुरू कर सकता है।



शुरू में जॉब शैक्षणिक योग्यता पर अत्यधिक निर्भर करती है, लेकिन कुछ वर्षों के बाद अनुभव और स्किल डिग्री से अधिक महत्वपूर्ण हो जाती हैं। इसलिए केवल शैक्षणिक योग्यता के आधार पर, आप जॉब को गलत नहीं कह सकते है और इन शैक्षणिक योग्यता को हासिल करते समय जो सीखते है, वो बेहद जरूरी और बहुत काम का भी होता है।

स्किल और कार्य रुचि

स्किल हर काम में सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, कुशल लोग अपने काम को आसानी से कर सकते हैं, जबकि अकुशल लोग संघर्ष करते रह जाते है।

नेटवर्क मार्केटिंग और जॉब, दोनों में स्किल सबसे महत्वपूर्ण कारक है, जो आपके करियर के विकास को तय करता है और लंबी अवधि में, आपकी कमाई स्किल पर अत्यधिक निर्भर होती है।

प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कार्य और अन्य अनुभव से स्किल सीखता है।

MLM में कम्युनिकेशन, मार्केटिंग, प्रेजेंटेशन, मैनेजमेंट और अन्य इंटरपर्सनल स्किल्स सीखने की जरूरत होती है।



जॉब में, आवश्यक स्किल काम के अनुसार बदलती हैं और जॉब में लोग अपनी पसंदीदा स्किल पर कमाई के लिए काम कर सकते है, लेकिन MLM में आपके पास कोई विकल्प नहीं है, आपको किसी भी परिस्थिति में सभी इंटरपर्सनल स्किल को सीखना ही होगा, चाहे आप असार्वजनिक व्यक्ति क्यों ना हो।

जॉब का मुख्य लाभ यह है, कि आप अपनी रुचि के अनुसार जॉब और क्षेत्र चुन सकते है और पैसा कमा सकते है, जैसे

  • ग्राफिक डिज़ाइन
  • भूगोल
  • कोडिंग
  • आर्थिक विज्ञान
  • इतिहास
  • कोई खेल
  • संगीत
  • फोटोग्राफी आदि

MLM में काम को लेकर कोई विकल्प नहीं है। आपको प्रॉडक्ट बेचने और लोगो को डाउनलाइन में जोड़ना ही होगा।

इसलिए अगर आपकी कुछ रुचि या कुछ सपना है या आप किसी विशेष क्षेत्र में ही काम करना चाहते है, तो उस प्रकार की जॉब की तरफ बढ़े, क्योंकि इससे आपको पैसे के साथ-साथ काम की खुशी भी मिलेगी और यह बेहद जरूरी भी है।

वही अगर किसी को इंटरपर्सनल स्किल और मार्केटिंग का कार्य पसंद है, तो नेटवर्क मार्केटिंग एक बेहतर विकल्प हो सकता है।



चिड़िया तैर नहीं सकती और मछ्ली उड़ नहीं सकती। इसलिए सबकी अपनी-अपनी विशेषता और कमी है, इसलिए इन्हें ध्यान में रखकर फैसला लें।

कार्य-जीवन संतुलन

तुलना के अगले बिंदु में कार्य-जीवन संतुलन (Work-Life Balance) की बात करेंगे। आमतौर पर, हम MLM प्रचारक से सुन सकते है, कि “MLM आपको जल्दी रिटायरमेंट देगा और आपको समय व पैसे की आजादी मिलेंगी, जो अन्य इंडस्ट्री कभी नहीं दे सकती है।

इस तरह के बयान बेहद विवादास्पद हैं। आर्थिक पहलू के बारे में, हम बाद में चर्चा करेंगे, लेकिन समय स्वतंत्रता वास्तव में लीडर बताते है, वैसी नहीं होती है।

MLM करना और हजारों लोगों की टीम को संभालना आसान काम नहीं है। आपको ऐसा करने में असाधारण प्रयास हमेशा करने होते है। आप MLM से पूरी तरह से समय की आजादी तो नहीं पा सकते है, लेकिन काम के समय को स्वयं निर्धारित कर सकते है।

MLM लीडर सरिता राज के साथ इंटरव्यू, जिनकी डाउनलाइन में 3 लाख से अधिक लोग है, का कहाना है कि “MLM में सफल होने के लिए शुरुआत में बहुत से त्याग करने होंगे” एक सफल नेटवर्कर होने के बाद, वे अभी भी अपने परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पा रही है।



दूसरी तरफ जॉब में, कार्य-जीवन का संतुलन जॉब के प्रकार पर अत्यधिक निर्भर करता है। ज्यादातर कॉर्पोरेट नौकरियां सप्ताह में 1 या 2 दिन का अवकाश देती हैं।

लेकिन कुछ नौकरियों में, लोगों को समय सीमा से ज्यादा या रविवार को भी काम करना पड़ता है। वही जॉब करने का समय भी हर दिन निश्चित होता है।

पर फिर भी अधिकांश जॉब MLM की तरह व्यस्त नहीं होती हैं और बेहतर जीवनशैली देती है। यहाँ तक ​​की अधिकांश उच्च-भुगतान वाले जॉब प्रदाता भी अपने कर्मचारियों के कार्य-जीवन संतुलन को समझते हैं।

इस पैरामीटर के आधार पर, MLM की तुलना में जॉब बेहतर हैं। क्योकि जॉब में हर किसी को MLM जितने त्याग देने की जरूरत नहीं होती है, पर मेहनत दोनों जगह करनी पड़ती है।

सफलता दर

तुलना के लिए अगला पैरामीटर सफलता दर है। अक्सर लोग MLM और जॉब में सफलता के लिए कमाई को आधार बनाते है, लेकिन मै सफलता दर मापने के लिए पैसो से ज्यादा काम को लेकर संतुष्टि को प्राथमिकता दूंगा।



MLM की सफलता दर के लिए, मैं Jon M Taylor की रिसर्च को वैध मानता हूँ, जिसे FTC (Federal Trade Commission) द्वारा भी सराहा गया है, जिसने साबित किया है, कि MLM में केवल 0.04% लोगों को ही सफलता मिलती है।

आमतौर पर, लोग अधिक पैसा कमाने के लिए MLM में शामिल होते हैं, यही स्थिति Jon M Taylor के साथ भी थी, लेकिन अपनी कंपनी के टॉप लीडर में से एक बनने के बाद भी, उनकी अच्छी कमाई नहीं हुई।

जॉन एम टेलर ने पाया, कि अन्य MLM कंपनियों के साथ भी यही स्थिति है और फिर उन्होंने अपना शोध शुरू किया।

350+ MLM कंपनियों पर 15 साल के लंबे शोध के बाद, जॉन ने देखा कि MLM की सफलता दर मात्र 0.04% है।

MLM में, नेटवर्क के टॉप पर मौजूद लीडर अधिकांश पैसा कमाते हैं। जबकि नए लीडर को वर्षों तक असाधारण प्रयास करने के बाद भी नेटवर्क मार्केटिंग में सफलता नहीं मिलती है।



दूसरी ओर, नौकरी के लिए, सफलता को मापने के लिए कोई बुनियादी मापदंड उपलब्ध नहीं हैं।

Monster Salary Index के अनुसार, भारत में औसतन 75% लोग अपनी कॉर्पोरेट जॉब से संतुष्ट है और 78.4% लोग खुश हैं।

एक व्यक्ति को समाज द्वारा असफल कहा जा सकता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी और काम से खुश और संतुष्ट है, तो व्यक्ति खुद में सफल है।

यहाँ जॉब और MLM के बीच समानांतर तुलना नहीं है, लेकिन सफलता दर के आधार पर, MLM जॉब से बहुत पीछे है।

कमाई

अब हम MLM और जॉब में होने वाली कमाई अनुसार एक तुलना करेंगे।



MLM में 90% लोग कभी भी पैसे नहीं कमाते है और कंपनी के महंगे प्रॉडक्ट खरीदने में अपना पैसा गंवा देते है। MLM में सिर्फ 9% लोग अपने निवेश पर रिटर्न प्राप्त करते हैं और आखिरी 1% से कम लोग अधिकांश मुनाफा कमाते है।

अधिकतर MLM कंपनियां, अपने मुख्य लीडर को मोटिवेशनल भाषण देने, मंच पर प्रदर्शन करने और कंपनी को अच्छा बताने के लिए बहुत बड़ी राशि देते है, जो साधारण डायरेक्ट सेलर को नहीं मिलती है। (यहाँ हमने किसी विशेष MLM कंपनी को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन विभिन्न MLM कंपनियां फर्जी चेक भी दिखाती है।)

Herbalife द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट से पता चलता है, कि Herbalife अपने अमेरिकी डायरेक्ट सेलर को सालाना औसतन $2700 देती है, जबकि अमेरिका में कोई भी व्यक्ति हर सप्ताह में 2 दिन की छुट्टी के साथ सबसे कम मजदूरी पर भी आसानी से $ 14,000 कमा सकता है।

MLM में हमेशा पर्याप्त डेटा की कमी है, क्योंकि अधिकांश MLM कंपनियां अपने डायरेक्ट सेलर की कमाई के आंकड़ों को कभी प्रकट नहीं करती हैं। इसलिए सभी MLM कंपनी में मौजूद डायरेक्ट सेलर की औसतन आय जानना कठिन है।

मेरे अनुसार, सोनू शर्मा जैसे बड़े MLM लीडर सालाना 8 आंकड़ों की आय अर्जित करते है और बड़ी MLM कंपनियों में ऊपर के 0.04% डायरेक्ट सेलर सालाना 7 अंको की आय कमाते हैं। इन्हीं चुन्नीदा लीडर के नाम का इस्तेमाल हमेशा MLM कंपनी के प्रचार के लिए किया जाता है। बाकी के 99% डायरेक्ट सेलर अपना पैसा MLM कंपनी के प्रॉडक्ट को खरीदने में खर्च करते है।



दूसरी ओर, नौकरियों की आय में बहुत अंतर होता है। लोग कॉल सेंटर की नौकरी से प्रति माह 7 हज़ार कमा सकते हैं, जिसके लिए आमतौर पर बारहवीं पास योग्यता की आवश्यकता होती है।

Tech Mahindra के CEO C. P. गुरनानी ने अपनी जॉब से वित्त वर्ष 2018 में 146.19 करोड़ कमाए, जो कि अधिकांश भारतीय MLM कंपनियों के वार्षिक टर्नओवर से भी अधिक है। यह उन लोगों के चेहरे पर एक तमाचा है, जो आमतौर पर MLM को बढ़ावा देने के लिए नौकरियों को नीचा कहते है।

यह सिर्फ एक कल्पना है, कि एक जॉब आपको कभी अमीर नहीं बना सकती है, असलियत में आपको ऐसी जॉब हासिल करने में सक्षम बनना होगा। सुंदर पिचाई, सत्यम नडेला, निकेश अरोड़ा और अजय बंगा कुछ उदाहरण है, जो अपनी नौकरी से बहु-करोड़पति बन गए हैं।

जॉब में कमाई शैक्षणिक योग्यता, स्किल, अनुभव और पद पर आधारित होती है। दूसरी ओर, MLM में मासिक आय व्यक्ति की डाउनलाइन में मौजूद सक्रिय डायरेक्ट सेलर और कंपनी के इनकम प्लान पर निर्भर होती है।

MLM की शुरुआत में, पहले 2 से 3 साल तक आप कमाई की कोई उम्मीद नहीं कर सकते। रोजाना के छोटे खर्च के लिए भी अन्य कमाई के स्रोत की जरूरत पड़ती है।



सबसे महत्वपूर्ण बात, जॉब आपको जॉइनिंग के पहले महीने से भुगतान करेंगी, लेकिन यह राशि आपके काम और स्किल पर आधारित होगी। MLM में, आपकी मासिक कमाई 70 रुपये या 7 लाख रुपये भी हो सकती है, जो कि कार्यक्षमता पर निर्भर करती है और उन सफल 0.04% का हिस्सा बनना पड़ता है।

यदि हम MLM और कॉर्पोरेट जॉब से जुड़े लोगों की औसतन कमाई और किस क्षेत्र ने ज्यादा लोगों को धनी बनाया है, इनकी तुलना करें, तो जॉब MLM से कई गुना आगे है।

रिस्क

MLM और जॉब दोनों, बिजनेस की तुलना में कम जोखिम के लिए जाने जाते हैं। लेकिन फिर भी कुछ रिस्क MLM और जॉब दोनों में है, जिन्हें हमने नीचे बताया है।

निम्न MLM में कुछ प्रमुख रिस्क हैं।

  • MLM कंपनी का बंद होगा: अधिकांश MLM कंपनियां 5 साल बाद बंद हो जाती है, जिससे लीडर द्वारा डाउनलाइन बनाने के लिए की सारी मेहनत बर्बाद हो जाती है।
  • कंपनी की संतृप्ति: कई लोकप्रिय MLM कंपनियां कई वर्षों तक काम करने के बाद बाजार संतृप्ति (Market Saturation) का सामना करती है, जिससे कंपनी और नेटवर्क का विकास धीमा हो जाता है और फिर डायरेक्ट सेलर की कम कमाई होती है।
  • रिश्ते टूटना: आमतौर पर नए नेटवर्कर अपने दोस्तों और परिवार वालों को इस बिजनेस में लाने की कोशिश करते है, जिनसे ना सुनने पर अक्सर नेटवर्कर अपने रिश्ते खराब करते है।
  • कम सफलता दर: MLM में सफलता प्राप्त करना IIT में प्रवेश पाने से भी कठिन है।

अब हम जॉब करने के लिए जोखिम बता रहें है।



  • सीमित वृद्धि: जॉब में आपका विकास उस कंपनी पर अत्यधिक निर्भर करता है, जिसके साथ आप काम कर रहे हैं, भले ही आप अपना सब कुछ क्यो ना लगा दें।
  • आंतरिक प्रतियोगिता: कंपनी में आंतरिक प्रतियोगिता सभी पहलुओं में नौकरी को प्रभावित करती है और अन्य खतरे बढ़ाती है।
  • नौकरी की असुरक्षा: कोविड-19 महामारी के कारण 12 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है, जिससे पता चलता है, कि जॉब से निकालने की संभावना हमेशा बनी रहती है।

निष्कर्ष

हमें उम्मीद है, कि यह लेख Job Vs Network Marketing in Hindi आपको पसंद आया होगा और कुछ नया जानने को मिला होगा। शायद आप अब MLM और नौकरी में अंतर को लेकर और ज्यादा भ्रमित हो गए होंगे, लेकिन आपको अपने जीवन का फैसला खुद ही करना है, बिना किसी के दबाव में।

इसके अतिरिक्त अपनी सफलता के लिए किसी एक क्षेत्र पर निर्भर होने की जरूरत नहीं है और हर जगह मौके है, बस उन्हें ढूँढने की देर है।

अगर आप MLM में सफलता पाना चाहते है और डायरेक्ट सेलिंग का फ्युचर जानना चाहते है, तो इन विषय पर लिखें हमारे अन्य लेख भी पढ़ सकते है।

अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो हमें कमेंट में जरूर बताए।

10 thoughts on “जॉब Vs नेटवर्क मार्केटिंग | बेहतर क्या है?”

  1. Jaise ki apne bahut bari job ke bare me bataya hame ye batao ki ek teacher ek fouji ek fourth class ki job thik hai ya mlm kya hame awpl Asclepias wellness Pvt ltd jaisi mlm coy me future lagana chahiye ya nahi

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    • व्यक्ति पर निर्भर करता है, कि उसे क्या पसंद है। अगर सिर्फ पैसा कमाना ही मकसद है, तो भी बहुत से विकल्प है, बस आपकी रुचि और कौशलता को ध्यान में रखकर फैसला करें।

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  2. अगर आपको मोंथली पैसे चाहिए तो आपको JOB करणी पडेगी.
    Or
    अगर आपको जीवन भर पैसे चाहिए तो आपको BUSINESS करना पडेगा.
    Business मे star-up मे पैसे नहीं मिलते, but
    जब पैसे मिलते हैं तो इतने मिलते hai की संभालना मुश्किल हो जाता है

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  3. Aapne ek chich chupaya sir ji job ka success rate? Aap har bar corporate job ki bat karte apko pata hona chahiye ki corporate Jo me jane tak ka kharcha bhi bata hi dete hai . Fourth grade ka job milna muskil hai 6sal se try kar raha hu or Mai apko bata du ki mere ek class frnd ne AJ se 4 sal pahle mlm me tha or Aaj wo mahina k a ek moti rakam kamata hai wah sare sapne pure kar rahe hai .or Mai hu ki apna degree le kar ghum raha hu

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